One the of movement in Bihar School of Yoga. |
आज एक दिलचस्प वाक्या आपलोगों के सामने रखना चाहता हूँ.
कुछ लोग ही शायद जानते हों मेरा जुड़ाव योग से दो दशकों से सीखने और सीखाने से रहा हैं. वैसे तो पिताश्री मेरे जन्म के पहले से ही योग के दो बड़े स्तम्भ शिवानंद आश्रम, ऋषिकेश और बिहार योग विद्यालय, मुंगेर से डायरेक्ट जुड़े रहे. और परिस्थितयों बस मैं सन 2001 में बिहार योग विद्यालय से, दिल्ली के भौतिक जीवन और आईटी में महारथ हासिल करने और काम करने के बाद कनेक्ट हुआ. बचपन में आना-जाना होता रहा, पर वो सिर्फ एक आउटिंग होती थी मेरे लिए. कुछ साल आश्रम के कठिन अनुशासन में रहा. वही रहते हुए इच्छा हुई तो योग मनोविज्ञान में डिप्लोमा कर लिया. योग पिताश्री के लिए जीवन पद्धित थी और उसे मैं भी अपनाने की कोशिश करता रहता हूँ. इतना बताना इसलिए जरुरी था, ताकि बाकि बात आपको समझ आ सके.
योग सीखने के लिए आज तक जो भी लोग मुझ से जुड़े, पहली मुलाकात में दो-चार को छोड़कर सबकी पहली इच्छा यही होती कि वो मेरे जैसे फिट और स्लिम दिखें. अब आप कहोगे दो-चार को छोड़कर क्यों ? तो बात ये थी कि वो दो-चार लोग पहले से ही फिट और स्लिम थे और ओवरआल वेलबीइंग के लिए योग से जुड़े थे. दिल्ली हो या भागलपुर सबके सब हाई सोसाइटी वाले रहे. मेरा अनुभव रहा है, मध्यम वर्ग या निम्न वर्ग के लोग सिर्फ रोग ग्रसित होने पर ही योग की शरण में आता है. उसके पहले उनके लिए योग बकवास है.
फिर बात पहुँचती खानपान पर और लोगों का आंकलन होता “आप तो सिर्फ खिचड़ी और दलिया खाते होंगे”, इसलिए इतने फिट और स्लिम हैं. पहली मुलाक़ात में सिर्फ इतना कहता एक-एक स्टेप फॉलो करो और फिर आपकी इच्छा जरूर पूरी होगी. हो सकता है खानपान में थोडा जोड़-तोड़ करना पड़े पर मैं ये मत खाओ, वो मत खाओ नहीं कहूँगा. मैं खुद एक फूडी हूँ. लोगों को लगता, वाह बैठे बिठाए अलादीन का चिराग हाथ लग गया. खूब खुश हो जाते.
फिर अगले सेशन में बात होती, क्या करना है.
· रात को जल्दी सोना होगा... (अगर रात में काम पर जाते हों तो एक अलग बात है.)
· सुबह सूर्योदय के पहले या कम से कम साथ उठाना होगा.
· सुबह या शाम कम से कम 4-5 किलोमीटर का वाक प्रतिदिन होना ही चाहिए.
· नियमित एक घंटा बताया और कराया गया योगाभ्यास.
· रात्रि के खाने के बाद, कम से कम एक किलोमीटर धीमी चाल में वाक.
इतना सुनकर लोगों का सर भारी हो जाता. इतना सब आप करते हो, हमसे तो ना हो पायेगा...
ऐसे में सिर्फ इतना ही कहता हूँ - एक तंदरुस्ती हजार नियामत
इसके साथ खानपान के कुछ नियम भी, जो कभी बाद में बताऊंगा.